अत्यंत प्रसन्नता ही नहीं मेरे लिए गर्व का अफसर है कि माया देवी गोयल पब्लिक स्कूल अपनी स्थापना के 19 में वर्ष पूर्व कर चुका है |मुझे याद है वह दिन जब मेरे मन में पूजनीय माता श्री माया देवी के प्रति समर्पण की ज्योति जगी और 17 जुलाई 1995 के सौभाग्यशाली दिन 32 बच्चों से यह नन्हा पौधा, स्कूल के रूप में मंडी अहमदगढ़ में पनपना शुरू हुआ| वर्तमान में अहमदगढ़ में 1 किलोमीटर दूर पोहीड गांव में स्थित स्कूल सर्वोत्तम शिक्षा का प्रतिबंध है | मुझे लगता है कि इस स्कूल की स्थापना से मेरे एक पक्ष की परीक्षा हुई , जिसका निजी जीवन में मुझे पूरा लाभ मिला |
सच कहा है- अंधकार से मत लड़ो , प्रकाश लाओ ,
अंधकार स्वय विलीन हो जाएगा|
आज एस स्कूल को फलता-फूलता देखकर मै गौरवान्वित हूं| मेरी कोशिश है कि आस-पास के गांव में रहने वाले प्रत्येक वर्ग के बच्चों की मैं उचित शिक्षा दे सकूं |परम पिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि जिन उद्देश्यों से इस स्कूल की स्थापना हुई है , वह उद्देश्य सफल हो। अहमदगढ़ मंडी में पूरे लुधियाना साहित्य प्रचारित-प्रसारित होकर यह श्रेष्ठतम स्कूल सिद्ध हो सके , ऐसी मेरी मंगलकामना है | मैं चाहता हूं, यहां दी जाने वाली चेतना पर आधारित शिक्षा बच्चों के मस्तिष्क की क्षमता का पूर्ण विकास करके, समाज में सतोगुण का संचार करें। बड़े सौभाग्य की बात है कि स्कूल की भागदौड़ जिन हाथों में सौंपी है , नि:स्वार्थ भाव से इसी प्रगति के लिए प्रयत्नशील हैं| निश्चय ही, आने वाले समय में इस स्कूल के छात्र श्रेष्ठ नागरिक बनकर भारत सहित पूरे विश्व में आदर्श शांति व आनंद पूर्ण जीवन स्थापित करने में नेतृत्व प्रदान करेंगे। मैं इस स्कूल के छात्रों , शिक्षकों , कर्मचारियों व पदाधिकारियों को उज्जवल भविष्य एवं मनोवांछित सफलता की कामना करता हूं|